इस अध्ययन में पाया गया कि निकोटीन लेने के बावजूद हालांकि पिता में सामान्य व्यवहार होता है, लेकिन उसके बेटे और बेटियों में इसके कारण हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डेफिसिट और कॉगनिटिव इनफ्लेक्सिविटी जैसी संज्ञानात्मक गड़बड़ियां हो सकती हैं.
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