डॉ एन श्रीकांत बताते हैं कि आयुष-64 को लेकर किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि इस दवा का सेवन कोरोना के एसिम्टोमैटिक से लेकर माइल्ड-माडरेट रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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