मैं अपनी मौसी का चेहरा आज भी नहीं भूल पातीं। वह घर में सबसे छोटी थीं। मौसी के साथ बचपन की मेरी बहुत-सी यादें जुड़ी हैं। अब मौसी नहीं रहीं। चार साल पहले डॉक्टरों की एक लापरवाही ने मौसी की जिंदगी छीन ली।
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