Wednesday 25 November 2020

बढ़ते बच्चों के लिए माता-पिता की परवरिश पर्याप्त नहीं, बुजुर्गों से सीखते हैं बच्चे नैतिकता

जो बच्चे दादा-दादी की छत्रछाया में बढ़ते हैं वे चीजों को बांटना सीखते हैं, दूसरों का सम्मान करते हैं और हर परिस्थिति में खुद को ढालने की समझ रखते हैं। अगली स्लाइड्स से जानिए दादा-दादी की छत्रछाया में किस तरह होता है बच्चों का विकास।

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